Key Highlights VB-G RAM G
नया नाम: मनरेगा (MNREGA) की जगह अब ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-G RAM G लेगा।
काम के दिन: गारंटीशुदा रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 125 कर दिए गए हैं।
पेमेंट में तेजी: अब पखवाड़े (15 दिन) के बजाय साप्ताहिक (Weekly) पेमेंट किया जाएगा।
देरी पर हर्जाना: अगर 15 दिन से ज्यादा की देरी हुई, तो 0.05% प्रतिदिन की दर से हर्जाना मिलेगा।
खेती का ध्यान: बुवाई और कटाई के समय मजदूरों की कमी न हो, इसके लिए सरकार साल में 60 दिन का नो-वर्क पीरियड पहले से घोषित कर सकेगी।
बदला गया नाम: अब ‘मनरेगा’ (MNREGA) का नाम बदलकर ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-G RAM G कर दिया गया है।
काम के दिन बढ़े: पहले साल में 100 दिन के काम की गारंटी थी, अब इसे बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है। यानी मजदूरों को अब साल में 25 दिन ज्यादा काम मिलेगा।
हर हफ्ते मिलेगी मजदूरी: अब पैसों के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नए बिल के तहत मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक (Weekly) होगा।
देरी हुई तो मिलेगा हर्जाना: अगर किसी वजह से पेमेंट में 15 दिन से ज्यादा की देरी होती है, तो मजदूर को 0.05% प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा या हर्जाना दिया जाएगा।
खेती के सीजन का ख्याल: बुवाई और कटाई के समय मजदूरों की कमी न हो, इसके लिए सरकार साल में 60 दिन का ‘नो-वर्क पीरियड’ घोषित कर सकती है। इस दौरान सरकारी काम बंद रहेगा ताकि खेती प्रभावित न हो।
खर्च का नया फॉर्मूला: अब यह केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में बंटेगा (पहाड़ी राज्यों के लिए 90:10)। पहले इसमें केंद्र का हिस्सा ज्यादा रहता था।
कड़ी निगरानी: अब काम की प्लानिंग जिला स्तर के साथ-साथ नेशनल और स्टेट लेवल की कमेटियों द्वारा भी की जाएगी ताकि भ्रष्टाचार कम हो और काम सही से हो।
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