लोगो की शिकायत के बाद 40 सेकंड वाला लंबा संदेश खासकर आपातकालीन स्थितियों में परेशानी होती है। कुछ लोगों ने आरटीआई दायर करके इसकी आवश्यकता पर सवाल उठाया था की इसकी कितनी आवस्यकता होनी चाहिए ?
सरकार ने पहले इस कॉलर ट्यून को दिन में 8-10 बार से घटाकर दिन में सिर्फ दो बार कर दिया था और आपातकालीन कॉल (पुलिस, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड) के दौरान इसे बंद कर दिया गया था। लेकिन अब इसे पूरी तरह से हटा दिया गया है।
पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर लोग इस कॉलर ट्यून को लेकर अपनी नाराज़गी जता रहे हैं। कई यूज़र्स ने इसे ‘परेशान करने वाला’ बताते हुए कहा कि इसकी वजह से देरी होती है, ख़ास तौर पर आपातकालीन कॉल के दौरान
साइबर अपराध से सुरक्षित रहने के सुझाव
अगर कॉलर ट्यून बंद कर दी गई है, तब भी साइबर क्राइम से बचने के लिए सावधानी बरतना जरूरी है। सरकार ने सलाह दी है कि अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार होते हैं, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या फिर cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।
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