वायरलेस नेटवर्किंग का इतिहास | History of wireless networking in hindi

वायरलेस नेटवर्किंग का इतिहास : वायरलेस नेटवर्किंग की शुरुआत 19वीं सदी के अंत में रेडियो तरंगों की खोज और गुग्लिएल्मो मार्कोनी के प्रयोगों से हुई, जिन्होंने 1901 में बेतार संचार (वायरलेस कम्युनिकेशन) का पहला सफल प्रदर्शन किया। 



1970 के दशक  में, ALOHAnet (हवाई यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित) ने वायरलेस डेटा ट्रांसमिशन की नींव रखी, जिसने पैकेट-आधारित नेटवर्किंग को बढ़ावा दिया। 1980-90 के दशक में, Wi-Fi तकनीक का विकास हुआ। 1997 में IEEE (इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स) ने 802.11 प्रोटोकॉल पेश किया, जो आधुनिक Wi-Fi का आधार बना। 

इसी दौरान, मोबाइल नेटवर्किंग ने भी क्रांति की शुरुआत की: 1G (1980s) से वॉयस कॉल, 2G (1990s) से एसएमएस और डेटा ट्रांसफर, और 3G/4G (2000s) से हाई-स्पीड इंटरनेट संभव हुआ। 1999 में ब्लूटूथ तकनीक का उदय हुआ, जिसने छोटी दूरी के वायरलेस कनेक्शन को सरल बनाया। 

21वीं सदी में, Wi-Fi 4/5/6 और 5G नेटवर्क्स ने सुपरफास्ट स्पीड और कम लेटेंसी प्रदान की। IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) और स्मार्ट डिवाइसेस ने वायरलेस नेटवर्किंग को घरों, अस्पतालों, और उद्योगों तक पहुँचाया। आज, वायरलेस टेक्नोलॉजी मोबाइल ब्रॉडबैंड, स्मार्ट सिटीज़, और AI-संचालित सिस्टम्स का मूल आधार है। भविष्य में 6G और क्वांटम कम्युनिकेशन इस क्षेत्र को नए आयाम देने की तैयारी में हैं!


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