6 रूपये नहीं लौटने पे क्लार्क की नौकरी चली गयी

सिर्फ 6 रूपये न लौटने पर क्लर्क राजेश वर्मा को नौकरी से निकाल दिया | Latest Breaking News on Corruption in Hindi

ticket clerk catoon image
photo: stocklib/ Maryna Kriuchenko

जाने क्या है पूरा सच ?

आपको बता दे ये मामला मुंबई का है. जो 30 अगस्त 1997 को बुकिंग क्लर्क राजेश वर्मा कुर्ला टर्मिनस जंक्शन मुंबई में कंप्यूटरीकृत करंट बुकिंग कार्यालय में यात्रियों के टिकट बुक कर रहे थे तब विजिलेंस ने उनके खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की थी. [ Latest Fact News Hindi ]

रिपोर्ट्स के मुताबिक, विजिलेंस टीम ने एक RPF के जवान को नकली यात्री बनाकर क्लर्क राजेश वर्मा के पास टिकट लेने के लिए भेजा.

RPF जवान ने उनसे कुर्ला टर्मिनस से आरा तक के लिए टिकट के लिए पूछा. कुर्ला टर्मिनस से आरा तक का किराया 214 रुपये था. इस पर नकली यात्री बने आरपीएफ जवान ने उन्हें 500 का नोट दिया. ऐसे में क्लर्क ने 286 लौटाने थे बावजूद इसके उन्होंने केवल 280 रुपये लौटाए.

इस तरह मारा छापा

वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसके बाद विजिलेंस टीम ने बुकिंग क्लर्क राजेश वर्मा के टिकटिंग काउंटर पर छापा भी मारा. जब जांच की गई तो टिकट बिक्री के हिसाब से उनके रेलवे कैश में 58 रुपये कम थे. साथ ही क्लर्क की सीट के पीछे एक अलमारी से 450 रुपये बरामद किए गए. विजिलेंस टीम ने कहा था कि यह राशि यात्रियों से अधिक किराया वसूल करके इकट्ठी की गई थी.

क्या फैसला आया ?

जब इन आरोपों की जांच की गई तो फरवरी 2002 में उन्हें दोषी करार देते हुए नौकरी से निकाल दिया था. क्लर्क ने इस आदेश के खिलाफ अपीलीय प्राधिकरण के पास पहुंचे. हालांकि जुलाई 2002 में उनकी अपील को खारिज कर दिया गया.

बाद में वर्मा 2002 में इस मामले को लेकर पुनरीक्षण प्राधिकरण (कैट) के पास भी गए, जहां 2003 में उनकी दया याचिका भी खारिज कर दी गई. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया. जहां सभी पक्षों को सुनने के बाद सात अगस्त को अदालत ने पुनरीक्षण प्राधिकरण (कैट) के आदेश को बरकरार रखते हुए क्लर्क को राहत से इनकार कर दिया है.


Discover more from TECH NEWS

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

क्या आप भारत से है ? हा नहीं