तृतीय-पक्ष बीमा एक अनिवार्य बीमा है जो आपके वाहन द्वारा किसी अन्य व्यक्ति (तृतीय पक्ष) को हुई मृत्यु, शारीरिक चोट या संपत्ति के नुकसान को कवर करता है, जिससे आपको वित्तीय बोझ से मुक्ति मिलती है, विशेष रूप से कानूनी आवश्यकता की स्थिति में, और यह सुनिश्चित करता है कि दुर्घटना की स्थिति में तृतीय पक्ष को मुआवजा मिले, ताकि उन्हें वित्तीय तनाव न हो और वे कानूनी परेशानी से सुरक्षित रहें।
मुख्य लाभ:
- कानूनी आवश्यकता : भारत में, मोटर वाहन अधिनियम के तहत यह बीमा अनिवार्य है, और इसके बिना वाहन चलाना एक कानूनी अपराध है, जिसके लिए कारावास की सजा हो सकती है।
- वित्तीय सुरक्षा : बीमा कंपनी आपके वाहन से जुड़े किसी दुर्घटना में किसी तीसरे पक्ष को हुई शारीरिक क्षति (चोट/मृत्यु) या संपत्ति को हुए नुकसान की लागत वहन करती है।
- पीड़ित सहायता : आपको दुर्घटना के शिकार व्यक्ति (तीसरे पक्ष) को बड़ी राशि का भुगतान करने का बोझ नहीं उठाना पड़ता है, और उन्हें आसानी से मुआवजा मिल जाता है (मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के माध्यम से)।
- पॉलिसी में शामिल : यह आमतौर पर आपके व्यापक कार बीमा का एक हिस्सा होता है और प्रीमियम के मामले में किफायती होता है।
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